राष्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ की स्थापना संस्कृति विभाग के अन्तर्गत स्वायत्शासी संस्थान के रूप में वर्ष १९८८-१९८९ में हुई थी।इस संस्थान का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर कथक के विविध घरानों की परम्पराओं का अभिलेखीकरण,युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन, वरिष्ठ कलाकारों का संरक्षण एवं कथक नृत्य का संवर्धन है। संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कथक की शिक्षा के साथसाथ राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का कार्यान्वयन है। वर्ष १९९९ से संस्थान अपना कार्यालय स्वतंत्र रूप से २७/३, कैसरबाग खोलकर अपना कार्य कर रहा है । तब से संस्थान द्वारा कार्याशालाऐ, वार्षिक कथक समारोह, रसरंग, रूनझुन कार्यक्रम कराते चला आ रहा है। कथक की प्रस्तुतियां इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फैजाबाद, दिल्ली, जयपुर, झांसी मेरठ, बलरामपुर, चित्रकूट अनेक शहरों में हुई। उक्त कार्यो के साथ वर्ष २००१ से मासिक कथक संध्याओं का आयोजन किया जा रहा है । संस्थान में लगभग ३०० द्दात्राएं हाबी कोर्स, प्रथमा, मध्यमा एवं विशारद प्रथम एवं विशारद द्वितीय में कथक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं हैं । संस्थान का फोन/फैक्स नं० ०५२२ २६१८९१८ है ।
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