- उ०प्र० की लोक और जनजाति कलाओं एवं शिल्प का संयोजन एवं विकास।
- लोक कलाओं संस्कृति एवं शिल्प के क्षेत्र में शोध का विकास एवं बढ़ावा देना इसके लिए पुस्तकालय, अभिलेखागार, संग्रहालय, पुस्तके, टेपरिकार्डस आदि स्थापित करना।
- लोक कलाओं, संस्कृति एवं शिल्प विकास हेतु भारत की अन्य संस्थाओं एवं विदेशो से सहयोग।
- विभिन्न क्षेत्रों की लोक एवं जाति कला संस्कृति, शिल्प की तकनीक एवं आदर्शो का आदान प्रदान।
- ऐसी संस्थाओं की स्थापना को बढ़ावा जो लोक एवं जनजाति कला शिल्प एवं संस्कृति के संरक्षण तथा विकास हेतु प्रशिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हो।
- लोक एवं जनजाति कला, शिल्प एवं संस्कृति के क्षेत्र में सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण एवं प्रचार को बढ़ावा देना।
- लोक एवं जनजाति कला शिल्प एवं संस्कृति के क्षेत्र में सेमिनार कार्यशाला का आयोजन तथा शोध एवं सर्वेक्षण हेतु अनुदान देना।
- जनजाति एवं लोक कला का कार्य संगीत, नृत्य एवं नाटक, त्यौहारों तथा शिल्प मेलों को राज्य तथा राज्य के बाहर प्रायोजित करना।
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