जैन विना शोध संस्थान की स्थापना वर्ष १९९० में संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन के अंतर्गत स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में हुई। संस्थान भारत के विभिन्न भागों में प्रचलित जैन विनाओं का राष्ट्रीय संदर्भ में अध्ययन, तत्सम्बन्धी शोध तथा जैन तीर्थकारो की सांस्कृतिक महत्व की परम्परागत एवं आधारभूत मान्यतओ, मानवीय मूल्यों कला अवशेषो का संरक्षण एवं विश्लऽषण की जानकारी उपलब्ध कराता है।
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