प्रकाशन

संस्थान की पत्रिका जैन विद्या में निम्नलिखित लेख प्रकाशित हो चुके है -

  1. जैन विद्या के अध्ययन की तकनीक - डॉ० सागरमल जैन
  2. सर्वोदय की भाव भूमि पर अनेकान्तवाद - डॉ० फूलचन्द जैनडोमी
  3. भारत तथा विदेशो में जैन विना का अध्ययन - डॉ० गोकुलचन्द्र जैन
  4. शरीर में अतीन्द्रिय ज्ञान के स्थान समणी -नियोजिका मंगलप्रज्ञा
  5. जैन वाड्‌मय में प्रातिहार्यः - प्रो० धर्मचन्द्र जैन
  6. उत्तराध्ययन में रंग चिकित्सा पद्घति -समणी सन्मति प्रजा
  7. जैन संस्कृत एवं प्राकृत व्याकरण - डॉ० रामसागर मिश्र
  8. जैन दर्शन का वैशिष्ट्‌य - डॉ० विजय कुमार जैन
  9. प्राकृत के मुक्तक एवं खण्डकाव्य - प्रो सुदर्शन लाल जैन
  10. भगवान महावीर के नामों का विवेचन -डॉ० हरिशंकर पाण्डेय
  11. अकलंकदेवकृत आत्ममीमांसा एवं लघीयस्त्रय के उद्घरणानो का अध्ययन - डॉ० कमलेश कुमार जैन
  12. बीसवीं शताब्दी की जैन संस्कृत रचनाये उनका वैश्ष्टि्‌य और प्रदेय ड्ढि- डॉ० भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु'
  13. जैन योग के विभिन्न भेद - प्रो0 शिव बहादुर सिंह
  14. काशी की जैन मूर्तियॉ – प्रो0 कमल गरि
  15. बड़ाभानू के जैन स्तूप का एक अध्ययन - डॉ० एम०एल० निगम
  16. कुषाण युग मे जैन मूर्तियां - प्रो0 मारूतिनन्दन तिवारी
  17. हरियाणा में जैन वास्तुकला –प्रो0 एस०पी० शुक्ल
  18. प्रतिहार शासकों के समय जैन कला एवं वास्तुकला - डॉ० बृजेश कृष्णा
  19. भारतीय कला में आस्था मांगलिक का सामूहिक प्रतयक्षीकरण - डॉ० एल० श्रीवास्तव
  20. मध्ययुगीन भारतीय कला में नेमिनाथ -डॉ० अमर सिंह
  21. पन्द्रहवीं शताब्दी में पश्चिमी भारतीय कला में जैन एवं नान जैनी का ड्ढि तुल्नात्मक अध्ययन -डॉ० रश्मिकला अग्रवाल
  22. जैन विद्या में मंत्रों और परम्पराओं का पक्ष एवं उनका प्रयोग - श्री एम०सी० जोशी
  23. जैदशवीं शताब्दी के जैनिया के व्यापारिक सूचना – प्रो0 श्याम मनोहर मिश्र

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