इस प्रकार के आयोजन की अवधारणा कलाकारों को सामूहिक रूप से इकठ्ठे कर अपने-अपने सृजन का परिचय व विचार-विमर्श के द्वारा समकालीन मान्यताओं का आदान-प्रदान करना है। प्रायः कलाकार अपने-अपने स्टूडियों में स्वतंत्र रूप से सृजन करते हैं। जन सामान्य तथा कलाकारों में एक सहज जिज्ञासा होती है कि अमुक कलाकार अपनी कलाकृति में विभिन्न पक्षों, माध्यमों से सृजन/संयोजक कैसे करता है। इन्हीं सब स्थितियों से जन सामान्य तथा जिज्ञाषु युवा कलाकारों को परिचित कराने हेतु राज्य स्तरीय/राष्ट्रीय कलाकार शिविरों का आयोजन किया जाता है। अकादमी द्वारा प्रदेश विदेश के वरिष्ठ/युवा कलाकारों को अलग-अलग क्षेत्रों से आमंत्रित कर प्रदेश के सुदूर अंचलों/पर्यटक स्थलों पर शिविर का आयोजन किया जाता है। कलाकारों को आवागमन व आवास, भोजन, कृति सृजक सामग्री अकादमी द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। अधिकांशतः दस दिवसीय शिविर में सृजित कृतियां चित्रकला विधा में सृजित दो कलाकृतियों में से एक कृति कलाकार की होती है। शेष विधाओं ग्राफिक व मूर्ति में सृजित प्रत्येक द्वारा एक कृति अकादमी के स्थायी कला संग्रह में अधिगृहीत कर ली जाती है।
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