राजकीय संग्रहालय, मथुरा की स्थापना भारतीय कला के मनीषी विद्वान प्रसिद्घ पुरातत्व मर्मज्ञ एंव तत्कालीन जिलाधीश स्व. एफ. एस. ग्राउज ने सन् १८७४ मे की थी। संग्रहालय का वर्तमान भवन १९३० में प्रारम्भ होकर १९३३ में पूर्ण हुआ, इस नवीन भवन का उद्घाटन २५ जनवरी १९३३ को तत्कालीन गवर्नर सर माइवल हेली द्वारा किया गया। यह संग्रहालय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्घि पा चुका है। मथुरा की कुषाण एवं गुप्त युगीन संग्रहो का एक मात्र स्थान देश के ही नही विदेशी विद्वानों के भी लेखनी का केन्द्र स्थल बन गया है। प्रारंभिक काल से लेकर १२ वीं शती ई. तक भारतीय कला की विशिष्ट एंव अद्भुत कला सम्पदा इस संग्रहालय में संग्रहीत है।
संग्रहालय में पुस्तकालय, द्दायाचित्र अनुभाग व माडलिंग अनुभाग की सुविधाएं है। संग्रहालय का माडलिंग अनुभाग संग्रहालय की कुद्द अनूठी कलाकृतियों के माडल प्लास्टर आफ पेरिस से तैयार करता है, तथा अनुकृतियों को ढ़ालकर बिक्री हेतु तैयार किया जाता है।
शैक्षिक गतिविधियों के अन्तर्गत माह अप्रैल में मथुरा के बौद्घ मूर्ति शिल्प विषयक व्याख्यान, माह मई में शिक्षा में संग्रहालय विषयक व्याख्यान, माह जून में चित्रकला पर व्याख्यान, माह जुलाई में सिक्को पर व्याख्यान आयोजित किया गया है। इसी क्रम में माह अगस्त में ब्रज लोक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया है। माह सितम्बर में मथुरा इतिहास में विदेशी यात्रियों का योगदान विषयक व्याख्यान, माह अक्टूबर मे मातृ-देवियां पर चित्र प्रदर्शनी का आयाोजन किया गया तथा माह नवम्बर में विश्व धरोहर सप्ताह कार्यक्रम मनाया गया।
1. | प्रवेश शुल्क | रू. ५.०० वयस्क |
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रू. २.०० बालक/बालिका | ||
रू. २५.०० कैमरा शुल्क | ||
विदेशी प्रवेश शुल्क | रू. २५.०० | |
2. | साप्ताहिक अवकाश | सोमवार |
3. | अन्य अवकाश | द्वितीय शनिवार के पश्चात आने वाला रविवार तथा अन्य राज्यपत्रित अवकाश |
4. | भ्रमण समय | १०:३० पूर्वान्ह से ४:३० अपरान्ह |
5. | दूरभाष /फैक्स | 0565-2500847 |