सुल्तानपुर जनपद के अनेक महत्वपूर्ण पुरास्थलों जैसे शनिचरा, कुंड, भाटी, सोमनाभार, कालूपाठक का पुरवॉ, अहिरन पलिया, सोहगौली महमूदपुर आदि स्थलों पर पुरासांस्कृतिक सम्पदा बिखरी दिखाई देती है। यही नही इस जनपद के आस पास के जनपदों में भी धरती के गर्भ से बराबर अतीत की धरोहर निकलती रहती है। इनके विविध आयामों से सम्बन्धित सामग्रियों और बिखरी सांस्कृतिक पुरा सम्पदा को संकलित, सुरक्षित, प्रदर्शित, प्रलेखीकृत व प्रकाशन कर उन पर अध्ययन अनुसंधान करने कराने के उद्देश्य से वर्ष १९८८-८९ मे इस संग्रहालय की स्थापना की गयी। आज यह संग्रहालय सुल्तानपुर में नगर पालिका के पीद्दे सुपर मार्केट के प्रथम तल पर प्रतिष्ठापित है। वर्तमान में संग्रहालय में दो वीथिकायें जनसामान्य के अवलोकनार्थ खुली है। प्रथम वीथिका में प्रस्तर प्रतिमाएं, मृण्मूर्तियां, काष्त कलाकृतियां प्रदर्शित हों। द्वितीय विथिका रफी अहमद किदवई को समर्पित है। इस वीथिका में उनके जीवन से जुड़ी वस्तुओं को संजोया गया है।
शैक्षिक गतिविधियों के अन्तर्गत माह अप्रैल में सुल्तानपुर की पुरासम्पदा पर एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। माह मई में बौद्घ धर्म एवं दर्शन विषयक व्याख्यान, जून में सिक्कों पर व्याख्यान व जुलाई में उ० प्र० के जैन मूर्तिशिल्प विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसी क्रम में माह अगस्त में एक फिल्म शो, सितम्बर मे वाद-विवाद प्रतियोगिता, अक्टूबर में चित्रकला प्रतियोगिता व माह नवम्बर मे शैव मूर्तिशिल्प विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
1. | प्रवेश शुल्क | निःशुल्क |
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2. | साप्ताहिक अवकाश | सोमवार |
3. | अन्य अवकाश | द्वितीय शनिवार के पश्चात आने वाला रविवार तथा अन्य राज्यपत्रित अवकाश |
4. | भ्रमण समय | १०:३० पूर्वान्ह से ४:३० अपरान्ह |