राजकीय बौद्घ संग्रहालय, कुशीनगर

राजकीय-बौद्घ-संग्रहालय-कुशीनगर

बौद्घ धर्म प्रवर्तक भगवान बुद्घ के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के कारण संपूर्ण विश्व में आर्कषण का केन्द्र है। जहॉ प्रतिवर्ष असंख्य पर्यटक एवं बौद्घ धर्मानुयायी भगवान बुद्घ को श्रद्घांजलि अर्पित करने आते है। कुशीनगर की पुरातात्विक सम्पदा बौद्घ एवं धार्मिक संस्कृति को संकलित एवं संरक्षित करने के उद्‌देश्य से संस्कृति विभाग, उ० प्र० शासन द्वारा राजकीय बौद्घ संग्रहालय की स्थापना की गई। सन्‌ १९९२-९३ में संग्रहालय का वर्तमान भवन बनकर तैयार

हुआ। संग्रहालय का उद्‌घाटन दिनांक १४ नवम्बर १९९९ को माननीय राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र जायसवाल के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ कुशीनगर (कसया- २६० ४'' उत्तर एवं ८३० ५५'' पूर्व) गोरखपुर से लगभग ५१ किमी पूर्व तथा जिला मुख्यालय पडरौना से २० किमी० दक्षिण पश्चिम में स्थित है। बौद्घ साहित्य में कुशीनारा, कुशीनगरी तथा कुशीग्राम जैसे अन्य नामों का उल्लेख मिलता है। राजकीय बौद्घ संग्रहालय, कुशीनगर में संग्रहीत कलाकृतियां बौद्घ धर्म से संबंघित प्रस्तर मूर्तियों का प्रदर्शन बड़े ही रोचक ढ़ंग से किया गया है। वीथिकाओं में प्रदर्शित बौद्घ पूजा स्तूप, बोधिसत्व कुशीनगर क्षेत्र से प्राप्त ईटे विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

शैक्षिक गतिविधियों के अन्तर्गत संग्रहालय में माह अप्रैल व नवम्बर में फिल्म शो का आयोजन किया गया। माह मई में बौद्घ धर्म की प्रांसगिकता विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। माह जून में क्ले माडलिंग प्रतियोगिता का आयोजन, माह अगस्त में संग्रहालय ज्ञान प्रतियोंगिता का आयोजन, माह सितम्बर में बौद्घ धर्म पर द्दायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन, माह अक्टूबर में प्रतिमा विज्ञान विषय पर निबन्ध/भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

1. प्रवेश शुल्क निःशुल्क
2. साप्ताहिक अवकाश सोमवार
3. अन्य अवकाश द्वितीय शनिवार के पश्चात आने वाला रविवार तथा अन्य राजपत्रित अवकाश
4. भ्रमण समय १०:३० पूर्वान्ह से ४:३० अपरान्ह