राजकीय संग्रहालय, झांसी

राजकीय-संग्रहालय-झांसी

इतिहास संस्कृति एवं कला की दृष्टि से सम्पन्न बुन्देलखण्ड भारत का सदय स्थल है। इस क्षेत्र के बिखरे पुरावशेषों के अधिग्रहरण संरक्षण अभिलेखीकरण प्रदर्शन प्रकाशन एंव शोध की दृष्टि से वर्ष १९७८ में इस संग्रहालय की स्थापना की गयी। संग्रहालय में स्थापित द्दः वीथिकाओं में से प्रथम वीथिका में प्रागैतिहासिक उपकरण, एरच से प्राप्त मृदभाण्ड मौर्य काल से गुप्त काल की मूर्तियॉ तथा पंचमार्क सिक्को से लेकर आधुनिक काल तक के सिक्को का प्रदर्शन किया गया है।

द्वितीय वीथिका में हिन्दू धर्म से सम्बन्धित मध्यकालीन विष्णु, शैव, सूर्य एंव देवी प्रतिमायें प्रदर्शित है। तृतीय वीथिका में जैन धर्म से संबन्धित तीर्थकर एंव देवी प्रतिमाओ का प्रदर्शन है। चतुर्थ वीथिका में बुन्देलखण्ड के प्रमुख त्योहारों एंव परम्पराओं के लोक चित्रों के साथ अस्त्र शस्त्र आभूषण हस्तलिखित ग्रन्थ एवं लघुचित्र प्रदर्शति किये गये है। पांचवी वीथिका में प्राचीन सिक्को का प्रदर्शन तथा द्दठी वीथिका में शैव प्रस्तर प्रतिमाएॅ प्रदर्शित की गई है। इसके अतिरिक्त एक कला वीथिका है जिसमें समय-समय पर कला प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। नीचे तल पर रानी लक्ष्मीबाई से संबंधित तैल चित्रों का प्रदर्शन किया गया है। तथा केंन्द्रीय कक्ष से लगी द्दोटी वीथिका में १८५७ स्वतत्रता संग्राम से संबंधित अभिलेखो का प्रदर्शन है, और उसी के एक भाग में बुन्देलखण्ड के पुरातत्व से संबंधित सामग्री प्रदर्शित की गई है।

शिक्षा प्रसार सेवा के अन्तर्गत संग्रहालय मे वर्ष भर व्याख्यान/संगोष्ठियों एंव अन्य शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अर्न्गत माह जून में जनजातीय संस्कृति विषयक एक चल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, इसी क्रम में माह जुलाई में बुंदेलखण्ड के प्राचीन अभिलेख विषय पर, सितम्बर में गुप्तकालीन सिक्के विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इनमें १९ नवम्बर से २५ नवंबर २००५ तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया गया।

1. प्रवेश शुल्क रू. २.०० वयस्क>
रू. १.०० बालक/बालिका
रू १०.००कैमरा शुल्क
2. साप्ताहिक अवकाश सोमवार
3. अन्य अवकाश द्वितीय शनिवार के पश्चात आने वाला रविवार तथा अन्य राजपत्रित अवकाश
4. भ्रमण समय १०:३० पूर्वान्ह से ४:३० अपरान्ह
5. दूरभाष /फैक्स 0517-233035