उ०प्र० वृद्घ एवं विपन्न कलाकारों की मासिक पेंशन की नियमावली १९८५

सूचना का अधिकार अधिनियम - 2005

उ०प्र० वृद्घ एवं विपन्न कलाकारों की मासिक पेंशन की नियमावली-१९८५

वृद्घ एवं विपन्न कलाकारों की जिन्होने अपना पूरा जीवन कला एवं संस्कृति की आराधना में लगा दिया परन्तु वृद्घावस्था व खराब स्वास्थ्य के कारण वे अपनी जीविका उपार्जन में असमर्थ हो गये है को मासिक पेंशन देने की योजना है। योजना का कार्यन्वयन निम्नलिखित नियमावली में दिये गये नियमानुसार किया जायेगा-

नियमावली

9 पेंशन के भुगतान का तरीका
1 मासिक पेंशन की धनराशि का आहरण लखनऊ कोषागार से निदेशक, संस्कृति निदेशालय या उनके द्वारा अधिकृत आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
2 स्वीकृत मासिक पेंशन की धनराशि षट्‌मासिक आधार पर चेक/ड्राफ्ट/खाता ट्रान्सफर द्वारा वर्ष में ०२ बार भुगतान की जायेगी।
3 इस योजना के लिये आय-व्ययक में प्रविधानित धनराशि की सीमा तक ही धनराशि कोषागार से आहरित की जायेगी।
4 इस योजना का व्यय समय-समय शासन द्वारा सूचित लेखाशीर्षक के नामें लिखा जायेगा।
10 पेंशन का बन्द करना
1 इस नियमावली के अधीन स्वीकृत पेंशन किसी भी समय बिना कोई कारण बतायें अथवा नोटिस दिये उ०प्र० शासन द्वारा निरस्त की जा सकती है।
2 निम्नलिखित आधार पर भी किसी समय बिना कारण बताये पेंशन समाप्त की जा सकती है।
1

अनैतिक/अपराधिक दोष के कारण

2 अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों में भाग लेने के कारण
3 किसी भी जुर्म पर दंडित होने के कारण
4 गलत सूचना या गलत ढ़ंग से पेंशन प्राप्त कर ली गयी हो।
5 यदि किसी समय पेंशन की राशि के अतिरिक्त अन्य श्रोतों से मासिक आय रू० २०००/-से अधिक बढ़ जाती है। आय में अभिवृद्घि होने की सूचना तुरन्त देने के लिये पेंशनर बाध्य होगा।
3 पेंशनर राज्य सरकार को लिखित सूचना देकर पेंशन लेने से इन्कार कर सकता है और ऐसे विकल्प को एक बार प्रयुक्त किये जाने पर वापस नही लिया जा सकेगा।
11 पेंशन का संक्रमण या राशिकरण न किया जाना
इस नियमावली के अधीन स्वीकृत पेंशन संक्रमण अथवा राशिकरण नही किया जा सकेगा और ऐसी पेंशन पाने वाले व्यक्ति अपनी पेशन की प्रतिभूति पर कोई ऋृण या अग्रिम धनराशि नहीं लेगा।
12 इस नियमावली में किसी बात के होते हुये भी शासन किसी ऐसे व्यक्ति को जो विजिष्ट वृद्घ कलाकार हो मासिक पेंशन स्वीकृत कर सकता है।